5 Essential Elements For सफलता के लिए क्या करें
5 Essential Elements For सफलता के लिए क्या करें
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अय्यर ने बचपन से ही वैज्ञानिक बनने का सपना देखा था और उन्होंने इस सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की।
गुरूजी की इस बात को सुनकर शिष्य अत्यत दुखी हुआ. उसे गुरूजी द्वारा ऐसे शब्द कहें जाने की उम्मीद नहीं थी। और वह शिष्य अपने आप को ज्ञानवान अक्लमंद भी समझता था सो उसके अहम को बहुत ठेस पंहुचा।
आम का मोह – ज्ञानवर्धक प्रेरणादायक प्रेरक प्रसंग
विजय और राजू दोस्त थे। एक छुट्टी पर वे प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेते हुए एक जंगल में चले गए। अचानक उन्होंने देखा कि एक भालू उनके पास आ रहा है। वे भयभीत हो गए।
उनके शिक्षक ने छात्रो को हिदायत दे रखी थी की निरीक्षक पर आप सब का अच्छा प्रभाव पड़ना चाहिए. जब निरीक्षक गाँधी जी की क्लास में आये तो उन्होंने बच्चो की परीक्षा लेने के लिए छात्रो को पांच शब्द बताकर उनके वर्तनी लिखने को कहा.
यहां कुछ और संसाधन दिए गए हैं जो आपको प्रेरणा दे सकते हैं :-
चिंता करने से आपकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, यह सिर्फ आपका समय और ऊर्जा बर्बाद करेगा।
क्या आप एक आलू, एक अंडा या एक कॉफी बीन हैं? ”
यह बात उन दिनों की है जब महात्मा गांधी जी के पिता जी का तबादला पोरबंदर से राजकोट हो गया था.
I had 3 months to meet the deadline, and, in that point, I came up While using the thought to show law pupils in the Irish Innocence Undertaking read more at Griffith Higher education Dublin how to research wrongful convictions working with journalism skills. I promptly cobbled with each other a 5-web page proposal, two-program syllabi, bibliography, three letters of reference as well as a letter of invitation through the director on the Irish Innocence Challenge. I had been acknowledged and the faculty invited me to remain on immediately after my Fulbright calendar year finished to function task supervisor on the Irish Innocence Project.” This may appear to be a shock, but Eire is among the environment’s top rated ten unforeseen Locations for foodies.
आज मत बिगाडो – भगवान बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी
पचास बार प्रयास करने के उपरांत मूर्तिकार ने अंतिम बार प्रयास करने के उद्देश्य से हथौड़ा उठाया, किंतु यह सोचकर हथौड़े पर प्रहार करने के पूर्व ही उसने हाथ खींच लिया कि जब पचास बार वार करने से पत्थर नहीं टूटा, तो अब क्या टूटेगा.
छह बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज।
राजा वह पत्थर देख बहुत प्रसन्न हुआ. उसने उस पत्थर से भगवान विष्णु की प्रतिमा का निर्माण कर उसे राज्य के मंदिर में स्थापित करने का निर्णय लिया और प्रतिमा निर्माण का कार्य राज्य के महामंत्री को सौंप दिया.